कुंडली में ग्रह दोष और उनके उपाय | प्रख्यात ज्योति पं. रमेश वर्मा जी

1. मंगल दोष और उपाय (Mars Dosha)

मंगल दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में स्थित होता है। यह दोष आमतौर पर वैवाहिक संघर्ष और संबंधों की समस्याओं से संबंधित होता है।

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उपाय:

  • व्रत: मंगलवार के दिन व्रत रखें।
  • मंत्र जाप: नियमित रूप से हनुमान चालीसा या मंगल मंत्र का जाप करें।
  • लाल मूंगा पहनें: सोने या तांबे में जड़ा हुआ लाल मूंगा धारण करें।
  • पूजा करें: मंगल शांति पूजा करें, हनुमान जी, कार्तिकेय जी के मंदिर जाएं।

2. शनि दोष और उपाय (Saturn Dosha)

शनि दोष तब उत्पन्न होता है जब शनि ग्रह के प्रभाव से कुंडली में समस्याएं आती हैं। यह दोष जीवन के विभिन्न पहलुओं में कठिनाइयों, जटिलताओं और प्रतिकूलताओं का कारण बनता है।

उपाय:

  • व्रत: शनिवार के दिन व्रत रखें।
  • मंत्र जाप: शनि मंत्र या हनुमान चालीसा का जाप करें।
  • नीलम पहनें: चांदी में जड़ा हुआ नीलम धारण करें।
  • पूजा करें: शनि शांति पूजा करें या हनुमान जी, शिव जी के मंदिर जाएं।

3. राहु दोष और उपाय (Rahu Dosha)

राहु दोष तब उत्पन्न होता है जब राहु ग्रह कुंडली में नकारात्मक घरों में स्थित होता है। यह दोष जीवन में भ्रम, चिंता और अचानक बदलाव लाता है।

उपाय:

  • व्रत: शनिवार या बुधवार के दिन व्रत रखें।
  • मंत्र जाप: राहु मंत्र या दुर्गा सप्तशती का जाप करें।
  • गोमेद पहनें: चांदी में जड़ा हुआ गोमेद धारण करें।
  • पूजा करें: राहु शांति पूजा करें या दुर्गा माता, भैरव जी के मंदिर जाएं।

4. केतु दोष और उपाय (Ketu Dosha)

केतु दोष तब उत्पन्न होता है जब केतु ग्रह कुंडली में नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह दोष स्वास्थ्य समस्याओं, सामाजिक अलगाव और आध्यात्मिक संकटों से संबंधित होता है।

उपाय:

  • व्रत: गुरुवार के दिन व्रत रखें।
  • मंत्र जाप: केतु मंत्र या गणेश अथर्वशीर्ष का जाप करें।
  • लहसुनिया पहनें: चांदी में जड़ा हुआ लहसुनिया धारण करें।
  • पूजा करें: केतु शांति पूजा करें या गणेश जी, भैरव जी के मंदिर जाएं।

5. कालसर्प दोष और उपाय (Kaal Sarp Dosha)

कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। यह दोष जीवन में अनेक समस्याएं और कठिनाइयां लाता है।

उपाय:

  • मंत्र जाप: महामृत्युंजय मंत्र या कालसर्प गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • गोमेद और लहसुनिया पहनें: दोनों रत्न एक साथ धारण करें।
  • पूजा करें: कालसर्प शांति पूजा करें या शिव जी, हनुमान जी के मंदिर जाएं।

6. पितृ दोष और उपाय (Pitru Dosha)

पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्माएं असंतुष्ट या असंतुलित होती हैं। यह दोष परिवार, स्वास्थ्य और संतान संबंधी समस्याएं लाता है।

उपाय:

  • श्राद्ध कर्म: पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करें।
  • मंत्र जाप: पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप करें।
  • दान करें: गरीबों को अनाज, कपड़े और पैसे दान करें।
  • पूजा करें: पितृ शांति पूजा करें या गया जैसे तीर्थ स्थानों पर जाएं।

मंगल दोष के उपाय

मंगल दोष को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. व्रत: मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए। व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें और भगवान हनुमान की पूजा करें।
  2. मंत्र जाप: मंगल दोष निवारण के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत ही प्रभावी होता है। इसके अलावा, मंगल मंत्र का जाप भी किया जा सकता है।
  3. लाल मूंगा पहनना: मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए लाल मूंगा धारण करें। इसे सोने या तांबे में जड़वा कर धारण करना चाहिए।
  4. विशेष पूजा: मंगल शांति पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा, हनुमान जी, कार्तिकेय जी के मंदिर में जाकर पूजा करना भी लाभकारी होता है।

शनि दोष के उपाय

शनि दोष को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. व्रत: शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन तेल का सेवन न करें और शनि देव की पूजा करें।
  2. मंत्र जाप: शनि दोष निवारण के लिए शनि मंत्र का जाप करना बहुत ही प्रभावी होता है। इसके अलावा, हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है।
  3. नीलम पहनना: शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए नीलम धारण करें। इसे चांदी में जड़वा कर धारण करना चाहिए।
  4. विशेष पूजा: शनि शांति पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा, हनुमान जी, शिव जी के मंदिर में जाकर पूजा करना भी लाभकारी होता है।

राहु दोष के उपाय

राहु दोष को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. व्रत: शनिवार या बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन अन्न का सेवन न करें और राहु देव की पूजा करें।
  2. मंत्र जाप: राहु दोष निवारण के लिए राहु मंत्र का जाप करना बहुत ही प्रभावी होता है। इसके अलावा, दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जा सकता है।
  3. गोमेद पहनना: राहु दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद धारण करें। इसे चांदी में जड़वा कर धारण करना चाहिए।
  4. विशेष पूजा: राहु शांति पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा, दुर्गा माता, भैरव जी के मंदिर में जाकर पूजा करना भी लाभकारी होता है।

केतु दोष के उपाय

केतु दोष को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. व्रत: गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन अन्न का सेवन न करें और केतु देव की पूजा करें।
  2. मंत्र जाप: केतु दोष निवारण के लिए केतु मंत्र का जाप करना बहुत ही प्रभावी होता है। इसके अलावा, गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ भी किया जा सकता है।
  3. लहसुनिया पहनना: केतु दोष के प्रभाव को कम करने के लिए लहसुनिया धारण करें। इसे चांदी में जड़वा कर धारण करना चाहिए।
  4. विशेष पूजा: केतु शांति पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा, गणेश जी, भैरव जी के मंदिर में जाकर पूजा करना भी लाभकारी होता है।

कालसर्प दोष के उपाय

कालसर्प दोष को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. मंत्र जाप: कालसर्प दोष निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही प्रभावी होता है। इसके अलावा, कालसर्प गायत्री मंत्र का जाप भी किया जा सकता है।
  2. गोमेद और लहसुनिया पहनना: कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद और लहसुनिया दोनों रत्न एक साथ धारण करें। इन्हें चांदी में जड़वा कर धारण करना चाहिए।
  3. विशेष पूजा: कालसर्प शांति पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा, शिव जी, हनुमान जी के मंदिर में जाकर पूजा करना भी लाभकारी होता है।

पितृ दोष के उपाय

पितृ दोष को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. श्राद्ध कर्म: पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करना चाहिए। इस दौरान अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करें।
  2. मंत्र जाप: पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप करना बहुत ही प्रभावी होता है।
  3. दान करें: गरीबों को अनाज, कपड़े और पैसे दान करें। यह कार्य अमावस्या के दिन विशेष रूप से किया जा सकता है।
  4. विशेष पूजा: पितृ शांति पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा, गया जैसे तीर्थ स्थानों पर जाकर अपने पूर्वजों के लिए कर्मकांड करना भी लाभकारी होता है।

इन उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में आने वाले ग्रह दोषों के प्रभाव को कम कर सकते हैं और सुख-शांति प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इन उपायों को करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें ताकि आपको सही दिशा-निर्देश मिल सके।