
श्रीमद्भागवत कथा: सुरेश अवस्थी जी महाराज | सीतापुर उ.प्र. | Day 5
भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम, दोनों एक ही शक्ति के विभिन्न रूप हैं। श्रीराम त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में अवतरित हुए, जबकि श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में लीलाधर के रूप में जन्म लिया। राम और कृष्ण की लीलाओं का यह संबंध सूर्यवंश और चंद्रवंश की कहानियों से जुड़ा है, जिसमें राम सूर्यवंशी और कृष्ण चंद्रवंशी थे। दोनों अवतारों के माध्यम से भगवान ने विभिन्न युगों में धर्म की पुनर्स्थापना की। मथुरा, भगवान कृष्ण का जन्मस्थल, इस दिव्य लीला का केंद्र रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- कृष्ण और राम का अवतार: त्रेता और द्वापर युगों में भगवान के अवतार।
- मधुपुरी से मथुरा: भगवान कृष्ण का जन्मस्थल।
- सूर्यवंश-चंद्रवंश संबंध: राम और कृष्ण का पारिवारिक एवं आध्यात्मिक संबंध।
- भक्ति का महत्त्व: असली सुख भगवान की भक्ति में निहित है।
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के माध्यम से उनका संबंध राम से गहरा और अनोखा है, जो धर्म, प्रेम, और भक्ति की महान कथाओं को जन्म देता है।
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