चौथे दिन की शिव महापुराण कथा में पूज्य पुष्पानंदन जी महाराज ने शिवजी के अद्भुत और रहस्यमयी लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने शिव-पार्वती के विवाह की कथा सुनाई, जिसमें भगवान शिव के समर्पण और प्रेम का उदाहरण प्रस्तुत किया गया। कथा में भक्तों को शिवजी के त्याग, तपस्या और उनके द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न आशीर्वादों की महिमा का बोध कराया गया। महाराज जी ने शिव महापुराण के विभिन्न प्रसंगों को अत्यंत सरल और भावपूर्ण भाषा में प्रस्तुत किया, जिससे श्रोताओं के मन में भक्ति और श्रद्धा की भावना प्रबल हो उठी।