
श्रीमद भागवत की महिमा और आरती का महत्व | श्री जगमोहन शरण जी महाराज (नानकमत्ता) | Day 1
श्रीमद भागवत महापुराण, भगवान श्रीकृष्ण की लीला, भक्तों की भक्ति, और धर्म के मार्ग पर चलने का अनमोल ग्रंथ है। यह ग्रंथ न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि भक्ति के महत्व को भी उजागर करता है। आरती और कीर्तन, जो भगवान की महिमा का गुणगान करते हैं, भक्तों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आरती और कीर्तन की शुरुआत होती है “पुनीत पापों को मिटाने वाला हरि दर्श कराने वाला…” जैसे पवित्र शब्दों से, जो यह बताते हैं कि भगवान का दर्शन और उनका स्मरण हमारे सभी पापों को मिटाने वाला है। भक्तजन अपने दुखों और सुखों को भगवान के चरणों में समर्पित कर उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
आरती का अर्थ है भगवान की स्तुति करना और उनकी उपासना करना। “ये सुख करनी ये दुख करनी…” इस पंक्ति में यह बताया गया है कि जीवन के हर पहलू में भगवान की कृपा होती है। पापियों को पाप से मुक्त करने वाला और भक्तों को सही मार्ग दिखाने वाला यह गीत आरती की महिमा का गुणगान करता है।
श्रीमद भागवत की आरती के दौरान, भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की महिमा का गान होता है। “राधा राधा राधा राधा…” इन पंक्तियों के माध्यम से राधा-कृष्ण की प्रेम भक्ति का वर्णन किया गया है। भक्तजन अपने मन को संसार से हटाकर भगवान के चरणों में लगाते हैं और प्रेम से उनके गुणों का गान करते हैं।
भागवत कथा के माध्यम से भगवान के स्वरूप का दर्शन करना, उनकी लीलाओं का श्रवण करना, और उनकी महिमा का गान करना, यह सब भक्तों के जीवन को पवित्र और मंगलमय बनाता है। यह आरती और कीर्तन भक्तों को भगवान के साथ जुड़ने का, उनके प्रेम और आशीर्वाद को पाने का एक माध्यम है।
इस प्रकार, श्रीमद भागवत की कथा और आरती, भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव है, जो उन्हें भगवान की अनंत कृपा और प्रेम की अनुभूति कराती है। यह भक्ति की एक सुंदर यात्रा है, जो जीवन को शांति, आनंद और प्रेम से भर देती है।
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