hanuman

मंगलवार हनुमान आरती

मंगलवार को भगवान हनुमान की विशेष पूजा की जाती है।

मंगलवार हनुमान चालीसा

मंगलवार हनुमान मंत्र

मंगलवार हनुमान अष्टक

मंगलवार व्रत कथा

hanuman jayanti dhaarmi

एक समय की बात है, एक ब्राह्मण दंपत्ति संतानहीन थे, जिससे वे बहुत दुखी रहते थे। एक दिन ब्राह्मण हनुमान जी की पूजा करने के लिए जंगल में गया। वहाँ उसने महावीर जी से एक पुत्र की प्रार्थना की। घर पर उसकी पत्नी भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी।

वह हर मंगलवार को व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी। एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी भोजन नहीं बना पाई और न ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि अगले मंगलवार को वह हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी। वह भूखी-प्यासी छह दिन तक पड़ी रही।

मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और समर्पण को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा। बालक पाकर ब्राह्मणी अत्यंत खुश हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय बाद जब ब्राह्मण घर आया, तो उसने बालक को देखकर पूछा कि वह कौन है।

पत्नी ने बताया कि मंगलवार के व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन उसने मौका पाकर बालक को कुएं में गिरा दिया। जब वह घर लौटा, तो ब्राह्मणी ने पूछा, “मंगल कहां है?” तभी मंगल मुस्कुराते हुए पीछे से आ गया। उसे देखकर ब्राह्मण हैरान रह गया।

रात में हनुमान जी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उन्होंने ही दिया है। ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद से ब्राह्मण दंपत्ति हर मंगलवार को व्रत रखने लगे।

जो व्यक्ति मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है और नियम से व्रत रखता है, उसे हनुमान जी की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं और वह सुखी होता है, साथ ही हनुमान जी की दया का पात्र बनता है।

मंगलवार पूजा विधि

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मंगलवार की पूजा कैसे करनी चाहिए?

मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर हनुमान जी का स्मरण करना और उन्हें प्रणाम करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके बाद, अपने नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर की सफाई करें और स्नान करें। यदि आपके पास गंगा जल है, तो उसे स्नान के पानी में मिलाकर स्नान करें। फिर लाल रंग के वस्त्र पहनें और जल में लाल रंग मिलाकर सूर्य देव को जल अर्पित करें। जल चढ़ाते समय ‘ॐ सूर्याय नमः’ का जाप करें और इसके बाद हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करें।

हनुमान जी की पूजा की शुरुआत धूप, दीपक, लाल फूल, फल और सिंदूर अर्पित करके करें। इसके बाद हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। हनुमान जी की पूजा में सुंदर काण्ड का पाठ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे अवश्य करें। पूजा का समापन आरती के साथ करें और हनुमान जी से सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की प्रार्थना करें।


मंगलवार के दिन क्या चढ़ाना चाहिए?

मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को घी के साथ सिन्दूर चढ़ाने से भगवान श्रीराम की कृपा मिलती है और आपके अधूरे काम पूरे हो जाते हैं। मंगलवार को व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमानजी की पूजा करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल दोष दूर होता है। यह भी कहा जाता है कि सिन्दूर के साथ चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए।