
मंत्र मानसिक शांति और एकाग्रता हासिल करने के लिए सकारात्मक वाक्य होते हैं जिन्हें बार-बार दोहराया जाता है। सूर्यदेव के मंत्र भगवान सूर्य की शक्तियों को जागृत करने और ज्ञान तथा स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने के उद्देश्य से जपे जाते हैं। सूर्य भगवान को समर्पित कई मंत्र मौजूद हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण मंत्र दिए गए हैं:
सूर्य मंत्र (Surya Mantra)
“नमः सूर्याय शांताय सर्वरोग निवारिणे।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि मे जगतां पते।।”
अर्थ:
हे सूर्यदेव, जगत के स्वामी, आप सभी रोगों के नाशक और शांति के प्रतीक हैं। मैं आपको नमन करता हूँ। कृपया अपने भक्तों को दीर्घायु, स्वास्थ्य और धन का आशीर्वाद दें।
आदित्य गायत्री मंत्र (Aditya Gayatri Mantra)
“ॐ भास्कराय विद्महे।
दिवाकराय धीमहि।
तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।”
अर्थ:
ॐ, मुझे सूर्यदेव का ध्यान करने दो। हे दिन के निर्माता, मुझे उच्चतर बुद्धि प्रदान करें और सूर्यदेव मेरे मन को प्रकाशित करें।
सूर्य बीज मंत्र (Surya Beej Mantra)
“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।”
अर्थ:
मैं महान सूर्य भगवान को उनकी दिव्य कृपा के लिए नमन करता हूँ।
सूर्य नमस्कार और सूर्य मंत्र
सूर्य मंत्र का जाप सूर्य नमस्कार के दौरान भी किया जाता है। सूर्य नमस्कार में 12 योग मुद्राओं का एक क्रम होता है, और हर मुद्रा के साथ 12 मंत्रों का जाप किया जाता है। ये मंत्र दुनिया के अंधकार को समाप्त करने और सभी जीवों के जीवन में उजाला लाने की प्रार्थना करते हैं। सूर्य नमस्कार के साथ मंत्रों का उच्चारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
सूर्य मंत्र के लाभ
मंत्रों का जाप भगवान की दिव्य शक्तियों के प्रति प्रार्थना करने का एक तरीका है। सूर्य मंत्र भी इसी उद्देश्य से जपे जाते हैं।
ज्ञान और प्रकाश की प्रार्थना:
सूर्यदेव अंधकार को समाप्त करने और दुनिया में प्रकाश फैलाने की क्षमता रखते हैं।
धैर्य और मानसिक शांति:
सूर्य मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और धैर्य में वृद्धि होती है।
स्वास्थ्य लाभ:
सूर्य नमस्कार करते समय मंत्रों का जाप करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह योग और आध्यात्मिकता की ओर ले जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा:
सुबह-सुबह सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करने से ऊर्जा और सकारात्मकता में वृद्धि होती है।
सूर्य मंत्र जाप का सही समय और विधि
सूर्य मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय के समय, साफ कपड़े पहनकर और शांत मन से करना चाहिए।
दिशा और समय:
सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सूर्य देवता को प्रणाम करें।
मंत्र जाप की संख्या:
सामान्यतः मंत्रों का जाप 9, 18, 27, या 108 बार किया जाता है।
सूर्य की किरणों से लाभ:
सूर्य की किरणों के संपर्क में रहकर मंत्रों का जाप करने से शरीर और मन को ऊर्जा मिलती है।
सूर्यदेव आरती (Suryadev Aarti)
सूर्यदेव आरती के मंत्र इस प्रकार हैं:
जय कश्यप-नंदन, ॐ जय अदिति-नंदन।
त्रिभुवन-तिमिर-निकंदन, भक्त-हृदय-चंदन॥
जय कश्यप-नंदन, ॐ जय अदिति-नंदन।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दुखहारी-सुखकारी, मनसा-माला-हारी॥
जय कश्यप-नंदन, ॐ जय अदिति-नंदन।
सुर-मुनि-भूसुर-वंदित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नंदन, ॐ जय अदिति-नंदन।
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव बंधन भारी॥
जय कश्यप-नंदन, ॐ जय अदिति-नंदन।
कमल-समूह-विकासक, नाशक त्रय ताप।
सेवता सहज हरता, अति मानसिज-संताप॥
जय कश्यप-नंदन, ॐ जय अदिति-नंदन।
नेत्र-व्याधि-हर सुरवर भू-पीड़ा-हरि।
वृष्टि-विमोचन संतत परहित-व्रतधारी॥
अर्थ:
हे कश्यप और अदिति के पुत्र, तीन लोकों के स्वामी, आप अंधकार को दूर करने वाले और भक्तों के हृदय को शीतल करने वाले हैं। आपके सात अश्वों के रथ पर विराजमान होने से आप दुख और अंधकार को नष्ट करते हैं। आप सभी ब्राह्मणों और भक्तों द्वारा पूजित हैं। कमल को खिलाने वाले और तीनों तापों का नाश करने वाले, आप हमें ज्ञान और अपनी कृपा प्रदान करें।
सूर्यदेव की पूजा के लाभ
स्वास्थ्य में सुधार:
सूर्य की आराधना करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
भय और चिंता का नाश:
सूर्य के भक्तों को भय और चिंता से मुक्ति मिलती है।
आत्मविश्वास और शक्ति:
सूर्य की पूजा सैनिकों द्वारा शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त करने के लिए की जाती थी।
सम्मान और सफलता:
सूर्य की आराधना से समाज में सम्मान और सफलता हासिल होती है।
सूर्य की कृपा से उनके भक्तों को ज्ञान, धन, और समृद्धि मिलती है। प्रातःकाल सूर्य की पूजा और मंत्र जाप करने की परंपरा भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।